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Top 10 Facts About Lord Rama || भगवान श्री राम के बारे में कुछ अनसुने रहस्य

Top 10 Facts About Lord Rama || भगवान श्री राम के बारे में कुछ अनसुने रहस्य

भगवान पुरुषोत्तम श्री राम जी, भगवान विष्णु के इस अवतार को पूरे ब्रह्माण्ड में सभी जानते ही होंगे। भगवान श्री राम श्री विष्णु जी के सातवें अवतार थे। श्री रामायण जैसे महाकाव्य के लेखक महर्षि वाल्मीकि जी ने अपने एक ग्रन्थ में वर्णन किया है की भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान है। भगवान श्री राम को  मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भी कहा जाता है, पुरुषोत्तम का मतलब होता है पुरुषों में सबसे उत्तम है। अतः इसीलिए इनको मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। 

आज एक बार फिर वेदांत रस के मध्यम से आपको हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत करते हैं... 

 

भगवान श्री राम जी का जीवन परिचय :

त्रेता युग में भगवान विष्णु जी श्री राम जी के अवतार में अयोध्या के राजा दशरथ जी के ज्येष्ठ पुत्र थे। लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न भगवान राम के अनुज थे और अगर भगवान श्री राम की माँ की बात की जाए तो उनकी माता जी का नाम कौशल्या था और लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, सुमित्रा और कैकेयी के पुत्र थे। भगवान श्री राम जी का विवाह मिथिला नरेश राजा जनक के पुत्री सीता के साथ हुआ था तो वहीं लक्ष्मण की पत्नी का नाम उर्मिला, शत्रुघ्न की पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति तथा भरत जी की पत्नी मांडवी थी। विवाह के कुछ दिन पश्चात राजा दशरथ ने अपने पत्नी कैकेयी के कहने पर भगवान श्री राम को 14 वर्षों के वनवास पर भेज दिया क्यूंकि एक बार राजा दशरथ ने कैकेयी से कुछ वचन मांगने को कहा था तो कैकेयी ने दासी मंदोदरी के उकसाने पर राजा दशरथ से आपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाने की मांग की इसलिए कैकेयी ने राजा दशरथ से राम के वनवास का वरदान माँगा। अपने पिता की आज्ञा का पालन कर भगवान श्री राम जी और उनकी पत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण वन की ओर वनवास के लिए निकल गए।

भगवान श्री राम का महत्व :

ब्रह्मा, विष्णु और महेश में भगवान विष्णु जी ने संसार की भलाई के लिए कुल 10 अवतार लिए जिसमें से भगवान श्री राम जी उनके सातवें अवतार थे। और भगवान श्री राम जी उनके सभी अवतारों ने से सबसे ज्यादा पूजे जाने वालों में से है। 

भगवान श्री राम जी के बारे में वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास जी ने बहुत से ग्रंथों मे लिखा है और उन्हीं ग्रन्थ के माध्यम से भगवान श्री राम जी की शक्तियों के बारे में बताया है। 

भगवान विष्णु ने असुरों और रावण का विनाश करने के लिए राम का अवतार लिया था और माता पिता की आज्ञा को मानते हुए 14 वर्षों की वनवास भी किया और आगे चलकर सभी के मार्गदर्शक बन गए। 

 

प्रजा की हितों के बारे में सोचने वाले :

भगवान श्री राम अपनी प्रजा को हमेशा प्रश्न और सुखी रखना चाहते थे, क्यूंकि भगवान श्री राम जी का ये मानना था की जिस राजा के राज्य में प्रजा दुखी हो वो राजा नर्क के भोगी होता है। तुलसीदास जी ने अपनी दिव्य ग्रन्थ रामचरितमानस में श्री राम के राज्य कल का पूरा वर्णन किया है और मन जाता है की भगवान श्री राम जी का शासन 11 हजार वर्षों तक रहा। 

 

आदिवासियों के प्रिय भगवान श्री राम :

जब भगवान श्री राम अपने पिता के कहने पर 14 वर्षों तक वनवास में थे तो इस दौरान उन्होंने आदिवासियों और दलित समुदाय के लोगों के साथ मिलकर कार्य किया और उनके साथ मिलकर भगवान श्री राम ने सभी संतों और उनके आश्रमों को राक्षसों से सुरक्षित रखा । 

चित्रकूट में रह कर भगवान श्री राम ने शिक्षा दीक्षा ली और भगवान राम ने जब पूरे भारत देश का भ्रमण किया तो सभी जनजातियों और समुद्री लोगों के बीच सत्य प्रेम की बात बताई और सबको एक साथ जोड़ कर एकता का सन्देश दिया। 

 

भगवान राम की वापसी :

कहते है की जो भी पृथ्वी लोक पर आता है उसको कभी न कभी यहाँ से जाना पड़ता है तो भगवान श्री राम भी अपना कार्य सम्पन्न करने के बाद इस मानवीय रूप को त्याग कर अपने वास्तविक रूप भगवान विष्णु के रूप में आ कर बैकुंठ धाम के लिए चले जाते है। 

 

भगवान राम से संबंधित कुछ अनसुनी बातें :

1. जब भगवान श्री राम को वनवास हुआ था तो वो उस समय 27 साल के थे। 

2 . श्री राम और माता सीता के दोनों पुत्र लव और कुश दोनों जुड़वाँ थे। 

3 . जब भगवान श्री राम और रावण युद्ध कार्य रहे थे तो उस समय इन्द्र देवता ने उनके लिए अपना दिव्य विमान भेजा था। 

4 . भगवान श्री राम जी का जन्म चैत्र नवमी में हुआ था जिसको हमारे हैरत में राम नवमी के नाम से जाना जाता है।

 5 .  जब भगवान श्री राम ने रावण का वध किया तो उसी समय रावण के सगे व छोटे भाई विभीषण को लंका का राजा घोषित किया । 

6 . एक बार गौतम ऋषि ने क्रोधित होकर अपनी पत्नी को पत्थर बन जाने की श्राप दिया था और इस श्राप से उनकी मुक्ति भगवान श्री राम जी ने कराई थी। 

7 . भगवान श्री  राम जी ने करीब 11 हजार वर्षों तक राज्य किया था। 

8 . एक बार अरण्य नाम के एक राजा ने रावण को श्राप दिया था की उन्हीं के वंश का कोई उसकी वध करेगा भगवान श्री राम जी इन्हीं के वंश के थे। 

9 . जब रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था तो उनको आज़ाद करने के लिए रास्ते में स्थित समुद्र को पार करने के लिए श्री राम ने एकादशी का व्रत रखा था। 

10. कहा जाता है की जब भगवान श्री राम जी वनवास से वापस अयोध्या लौटे तो वहां की प्रजा ने बहुत खुशियां मनाई और कई दीप जलाये, उस समय से दीपावली (दीवाली) का पर्व मनाया जाता है। 

।। जय श्री राम।।।

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