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Radha Krishna Love  Story राधा कृष्ण की प्रेम कहानी

Radha Krishna Love Story राधा कृष्ण की प्रेम कहानी

राधा और भगवान श्री कृष्णा की प्रेम कहानी भला कौन नहीं जानता होगा जब भी कही सच्चे प्रेम की चर्चा होती है तो राधा और श्री कृष्ण का नाम जरूर लिया जाता है इन दोनों की प्रेम कहानी तो हमेशा के लिए अमर है। आइए जानते है ऐसी ही एक और राधा कृष्ण की प्रेम कहानी। हम सब जानते है की भगवान श्री कृष्ण जी को बाँसुरी बजाना कितना पसंद था, लोग ऐसा कहते है की भगवान श्री कृष्ण जी को बस दो चीजे ही पसंद थी एक उनकी बांसुरी और दूसरी राधा जी। ऐसा भी कहा जाता है की जब श्री कृष्ण जी अपनी बांसुरी बजाते थे तो राधा जी उसको सुन कर और मग्नमुग्ध होकर नाचने लगती थी और राधा फिर श्री कृष्ण से मिलने के लिए अपने घर से बाहर निकलकर इनके पास मिलने पहुंच जाती थी। लेकिन बाद में जब धीरे धीरे गाँव वालो को राधा और श्री कृष्ण जी के प्रेम कहानी के बारे में पता चला तो राधा जी के गाँव और समाज के लोग घर से निकलना बंद कर दिए। और जब एक दिन राधा जी के घर वालो को पता चला की राधा जी श्री कृष्ण के बांसुरी बजाने पर पागलो की तरह नाचने लगती है और सीधा उनसे मिलने के लिए निकल जाती है, तो राधा जी के घर वालो ने राधा जी के घर से निकलने के लिए रोक लगा दिया। और जब इस बात का पता भगवान श्री कृष्ण जी को पता चला की राधा जी अपने घर में कैद है तो एक रात भगवान श्री कृष्ण अपने साथियो के साथ जाकर और राधा जी को कैद से छुड़ा कर बलराम और अपने और दूसरे साथियो के साथ जाकर पूरी रात नृत्य किया।और जब रात को राधा जी की माता जी रात को राधा जी के कमरे में गयी तो उनको राधा जी सोते हुए मिली। 

जिस रात को यह सब हुआ था वो रात पूर्णिमा की रात थी। 

कहा जाता है की एक राधा जी के पास एक बांसुरी थी जब राधा जी को भगवान श्री कृष्ण की याद आती कभी भी तो वो राधा जी उस बांसुरी को कृष्ण जी की याद में बजा लिया करती थी यह वही बांसुरी है जो भगवान श्री कृष्ण मथुरा जाते हुए राधा रानी को दी थी | ऐसे ही भगवान श्री कृष्ण जी राधा जी की याद में एक मोर का पंख अपने सर पे लगते थे और एक माला भी पहनते थे, जिसका नाम था वैजयंती माला जो की राधा रानी ने एक बार नृत्य करने से पहले भगवान श्री कृष्ण को पहनाई थी और वो पंख जब श्री राधा जी एक बार नृत्य कर थीं तो मोर ने एक अपना पंख गिराया था तो भगवान श्री कृष्ण जी ने उसको उठा लिया और उसे प्रेम पूर्वक धारण किया | 

Radha Krishna

ऐसे ही एक दिन भगवान श्री कृष्ण ने माता यशोदा से कहा की वो राधा जी से विवाह करना कहते है। तो यह सुनकर यशोदा मैया भगवान श्री कृष्ण जी को समझाने की कोशिश करती है और कहती है की राधा जी उनके लायक नहीं है और और राधा जी श्री कृष्ण जी से आयु में ५ वर्ष बड़ी भी है, लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी मानने को तैयार नहीं थे। यशोदा मैया ने ये भी समझाया की राधा जी की मंगनी किसी और से ( यशोदे के भाई रायाण ) से हो चूका है रायाण अभी युद्ध के लिए गया है वो कंस की सेना में है। लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी अपने ज़िद पे अड़े हुए थे। फिर यशोदा मैया ने ये बात नन्दबाबा से कहा तो वो श्री कृष्ण जी को बहुत समझाये लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी फिर नहीं माने तो बाद में ऋषि गर्ग जी आए और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को समझाते है की तुम्हारा 

 जन्म किसी और काम के लिए हुआ है और इस बात की भविष्यवाणी हो चुकी है और तुम ही इस संसार धर्म की स्थापना करोगे, तुम्हे राधा से जी से विवाह नहीं करना चाहिए। लेकिन भगवान श्री कृष्ण नहीं मानते इनकी भी बात और ज़िद पे अड़े रहते है। जब गर्ग ऋषि के इतना समझने के बाद भी नहीं माने श्री कृष्ण जी तो उन्होंने एकांत में उन्हें ले जाकर उनको एक राज की बताई की उनके असली माता पिता यशोदा मैया और नंदबाबा नहीं है बल्कि वासुदेव जी और माता देवकी जी है और वो लोग अभी कंस के कारागार  में अभी कैद है। यह सुनकर भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन की दशा पूरी तरह से बदल जाता है। 

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