• +91-8178835100
  • info@vedantras.com
ऋषि दुर्वाशा ने शकुंतला को  दिया श्राप

ऋषि दुर्वाशा ने शकुंतला को दिया श्राप

आज हम वेदांतरस के माध्यम से देखेंगे की जब ऋषि दुर्वाशा ने शकुंतला को श्राप दिया 

शकुंतला विश्वामित्र और मेनका की संतान थी जिन्हें मेनका ने जंगल में जन्म के तुरंत बाद छोड़ दिया था। जिसके बाद कण्व ऋषि उन्हें अपने आश्रम ले आए जहां वह पली-बढ़ी।

एक बार जब ऋषि आश्रम से चले गए थे और शकुंतला अपने दो दोस्तों के साथ जंगल में हमेशा की तरह चल रही थी, तब राजा दुष्यंत शिकार का पीछा करते हुए वहां पहुंचे। शकुंतला मेनका की बेटी थी, एक अभिन्न सौंदर्य, राजा उस पर मोहित हो गए। और जब शकुंतला ने उनको देखा तो वो भी उनकी ओर आकर्षित हो गयी थी।

कुछ दिन पश्चात दोनों ने शादी कर ली। राजा दुष्यंत एक महीने शकुंतला के साथ एक जंगल में बिताने के बाद अपने महल में लौट आए और उन्हें एक के रूप में एक अंगूठी अपनी निशानी के रूप मेंदी।

ऋषि दुर्वासा ने शकुंतला को श्राप दिया

एक बार ऋषि दुर्वासा आश्रम में आए लेकिन शकुंतला राजा को याद करते हुए गहरी सोच में थी और उन्होंने इसका ध्यान नहीं दिया की ऋषि दुर्वाशा आश्रम आये हुए है। इससे क्रोधित होकर ऋषि दुर्वासा ने शकुंतला श्राप दिया कि दुष्यंत उसे भूल जाएगा। जिसे सुनकर शकुंतला बहुत दुखी हुई और उन्होंने अपनी का अहसास हो गया था

फिर शकुंतला ने ऋषि दुर्वासा से अपनी गलती की माफ़ी मांगी और ऐसी भूल दुबारा न होने का वचन दिया जिसे सुनकर ऋषि दुर्वासा का क्रोध थोड़ा शांत हुआ और बाद में उन्होंने कहा की राजा दुष्यंत तुम्हें श्राप की वजह से भूल जायेंगे जरूर लेकिन जब तुम उन्हें उनकी दी हुई अंगूठी दिखाओगी तो राजा दुष्यंत को याद आ जायेग।

Choose Your Color
whastapp