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चैत्र मास का महत्व

चैत्र मास का महत्व

भारतीय पंचांग में सबसे पहला महीना चैत्र मास को माना जाता है। इसका नाम चैत्र इसलिए पड़ा क्योंकि इसका सीधा नक्षत्र से संबंध है। चैत्र मास आने पर बसंत ऋतु  का अंत हो जाता है और ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होने लगता है। ब्रह्माण्ड में सबसे पहला दिन चैत्र के महीने को ही माना जाता है। और इसी महीने से हिन्दू नववर्ष प्रारम्भ होता है ,जिसे हिन्दू सभ्यता में संवत्सर कहा जाता है।

कहा जाता है कि चैत्र के इस पावन महीने का सम्बन्ध ज्योतिष शास्त्र से भी बहुत गहरा है ,क्योंकि गृह ,ऋतु ,मास ,तिथि एवं पक्ष आदि कि गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही कि जाती है। इस नए महीने के प्रारम्भ से ही प्रकृति में शुभता और नई ऊर्जा का आरम्भ होने लगता है। चैत्र के इस महीने को भक्ति और संयम का पावन महीना भी कहा जाता है ,क्योंकि इस महिने अधिक व्रत और त्यौहार आते हैं। 

 

चैत्र मास का महत्व 

 

इस महिने में पड़ने वाले सभी त्यौहार अत्यंत खास मने जाते हैं। 

चैत्र के इस पावन महीने में रंग पंचमी मनाई जाती हैं। 

चैत्र के महीने से ही नवसंवत्सर का प्रारम्भ होता हैं। 

इसी महीने में रामनवमी भी मनाई जाती है। 

चैत्र मास में आने वाले पूर्णिमा को सबसे पवित्र माना जाता है। 

 

 

 

 

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